An Army in India : ये एक दास्तां ऐसी भी !
आर्मी कोर्ट रूम में आज एक केस अनोखा अड़ा था! . छाती तान अफसरों के आगे फौजी बलवान खड़ा था!! . बिन हुक्म बलवान तूने ये कदम कैसे उठा लिया? . किससे पूछ उस रात तू दुश्मन की सीमा में जा लिया?? . बलवान बोला सर जी! ये बताओ कि वो किस से पूछ के आये थे? . सोये फौजियों के सिर काटने का फरमान कोन से बाप से लाये थे?? . बलवान का जवाब में सवाल दागना अफसरों को पसंद नही आया! . और बीच वाले अफसर ने लिखने के लिए जल्दी से पेन उठाया!! . एक बोला बलवान हमें ऊपर जवाब देना है! . और तेरे काटे हुए सिर का पूरा हिसाब देना है!! . तेरी इस करतूत ने हमारी नाक कटवा दी! . अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में तूने थू थू करवा दी!! . बलवान खून का कड़वा घूंट पी के रह गया! . आँख में आया आंसू भीतर को ही बह गया!! . बोला साहब जी! अगर कोई आपकी माँ की इज्जत लूटता हो? . आपकी बहन बेटी या पत्नी को सरेआम मारता कूटता हो?? . तो आप पहले अपने बाप का हुकमनामा लाओगे? . या फिर अपने घर की लुटती इज्जत खुद बचाओगे?? . अफसर नीचे झाँकने लगा! . एक ही जगह पर ताकने लगा!! . बलवान बोला साहब जी गाँव का गवार हूँ बस इतना जानता हूँ!